Health insurance polacy ke bare main jankari or benifit
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आजकल के जीवन में
हेल्थ इंश्योरेंस के महत्वपूर्ण लाभ - यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में आज के कुछ शहरी लोग ही जानते हैं दोस्तों जीवन में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है और ऐसे ही अनिश्चितता मेसे स्वास्थ्य भी है ! क्योंकि आज दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है ! जिसके कारण आज मध्यमवर्ग इलाज के खर्चे को वहन नहीं कर पाता ,भविष्य में स्वास्थ्य की चिंता से छुटकारा प्राप्त करने ,और बेहतर इलाज के लिए आज हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की आवश्यकता बहुत अधिक बढ़ गई है ! तो आज इसी बारे में जानेंगे ,
बेनिफिट ऑफ हेल्थ इंश्योरेंस आज विश्व में गंभीर बीमारियों के मामलों में वृद्धि आई है !और साथ ही गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च भी बहुत महंगा हो गया है ! इसलिए आज प्रत्येक मध्यमवर्ग को हेल्थ इंश्योरेंस लेना आवश्यक हो जाता है! इस प्रकार के बीमा में आपको एक निश्चित समय अवधि पर एक निश्चित प्रीमियम की राशि देनी होती है ! इस प्रकार यह इंश्योरेंस बीमा धारक व्यक्ति या व्यक्तियों को मेडिकल इमरजेंसी या गंभीर बीमारियों के दौरान आर्थिक रूप से और मानसिक रूप से कमजोर नहीं होने देती ! जिससे कि परिवार जन भी पैसों की चिंता के कारण तनावग्रस्त नहीं होते ! क्योंकि बीमा धारक का इलाज अच्छी प्रकार से अच्छी देखरेख में होता है ! और इलाज में लगने वाले खर्च की चिंता नहीं रहती !
1.इसमें बिना भुगतान किए उपचार की व्यवस्था होती है!-
जिसनेअपना हेल्थ इंश्योरेंस करवाया है ! तो उसे उपचार के समय पैसों के बारे में टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं होती ! क्योंकि ऐसी बीमा कंपनियों का बहुत सारे अच्छे अस्पतालों के साथ कांटेक्ट होता है ! जिससे कि सीधे ही रोगी को कैशलैस ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध होती है ! इसमें सिर्फ अस्पताल को अपने इंश्योरेंस की जानकारी देनी होती है ! और मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है !
2.अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च का कवरेज - हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती के जाने से पहले, और इलाज के दौरान, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 60 दिन तक के समय की अवधि के खर्च को कवर में शामिल किया जाता है ! लेकिन इसके लिए सभी पॉलिसी नियम आप पहले ही जान ले !
,इसमें सभी बीमा धारक जो मरीज होता है- उसे घर से अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस का जो भी किराए होता है, उसे भी बीमा में कवर किया जाता है !
4. निशुल्क फ्री मेडिकल चेकअप,
ऐसी बीमा में स्वास्थ्य जांच का भी ऑप्शन होता है ! जिसके अंतर्गत पिछले एन.सी.बी. रिकॉर्ड को आधार मानते हुए,आपके स्वास्थ्य की निशुल्क मेडिकल जांच व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है!ऐसी व्यवस्थाओं का लाभ उठाते हुए आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं ! क्योंकि जाँच समय पर हो जाती है !
5. एन.सी.बी. का लाभ -इस प्रकार की बीमा में नो क्लेम बोनस का लाभ भी मरीज को मिलता है ! उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझते हैं , कि जिस किसी भी बीमा धारक ने अपनी इस पॉलिसी का पहले कभी लाभ नहीं लिया है! उन्हें बोनस प्वाइंट का लाभ मिलता है !और कुछ एक अतिरिक्त निश्चित सुविधाएं उन्हें मिलती है !
6. अनचाहे चिकित्सा खर्चों से सुरक्षा- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होने से जब कभी कोई बीमाधारक गंभीर रूप से बीमार होते हैं , तो उनके स्वास्थ्य पर होने वाले आक्समिक खर्चों से ,उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता ! क्योंकि बीमा कंपनी इलाज का खर्च क्लेम करती है ! अक्सर देखा गया है - की गंभीर बीमारी में लगने वाले खर्च के कारण आर्थिक स्थितियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है !
हम जब कभी सरकारी अस्पतालों में जाते हैं, बीमार लोगों की भीड़ हमें दिखाई देती है !और जब कभी हम किसी की बिमार को देखते हैं, जो गंभीर रूप से बीमार हुआ है ! उसके परिवार वाले कितने परेशान हैं, उसकी आर्थिक स्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ता होगा ! उसका इलाज किसी अच्छे अस्पताल में होगा या नही ,तो उनके(मरिज)मन में अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंता होने लगती है ! ऐसी चिंताओं से मन में तरह-तरह की ख्याल आते हैं ! हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक छोटी प्रीमियम की राशि देकर इस प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिलती है!
8.युवा लोगों को लाभ जल्द -पॉलिसी लेने पर बेनिफिट-
इस प्रकार की पॉलिसी में युवा लोग जितनी जल्दी पॉलिसी लेते हैं !उन्हें कम प्रीमियम में अधिक लाभ मिलता है !और पॉलिसी के अन्य बेनिफिट भी उन्हें अधिक मिलते हैं!और आने वाले समय में भी उन्हें बहुत ज्यादा प्रीमियम का भुगतान नहीं करना पड़ता!
हेल्थ इंश्योरेंस के लिए जो निश्चित राशि प्रीमियम के रूप में दी जाती है! उस राशि पर इनकम टैक्स भुगतान अधिनियम के अंतर्गत - सेक्शन 80(D) के अंतर्गत टैक्स में छूट प्राप्त होती है जिसके विषय में आप संबंधित बीमा कंपनी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार -
1.पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा इस प्रकार की पॉलिसी में एक व्यक्ति जो-जिसका स्वास्थ्य बीमा करवाया गया है! उसकी बीमारी के इलाज पर खर्च होने वाली एक निश्चित राशि तक का खर्च बीमा कंपनी बहन करती है ! इस प्रीमियम की राशि उम्र के आधार पर ,अन्य कुछ नियमों के आधार पर निर्धारित होती है! जो पॉलिसी के अंदर दिए गए होते हैं !
इस योजना के प्लान में परिवार के निर्धारित सभी सदस्यों का बीमा कवर शामिल होता है ! और बीमारी के समय बीमा धारक परिवार के सदस्य इलाज मैं इसका लाभ ले सकते हैं ! इसके प्रीमियम राशि इसके तहत नियमों के आधार पर निर्धारित होती है! इसका संदाय कोई भी परिवार का एक सदस्य करता है !
3.सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस-
प्लान के अंतर्गत ऐसे लोगों को बीमा कवर देने की सुविधा होती है ! जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक हो! यह बुढे और उम्रदराज वर्ग के लोगों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए सुविधा सुनिश्चित करती है !
4.सर्जरी और गंभीर प्रकार के रोगों के लिए बीमा-
इस बीमा प्लान में उन लोगों के लिए सुविधा उपलब्ध होती है! जो कैंसर ,हार्ट अटैक, किडनी फैलियर, पैरालाइसिस ,अन्य ऐसे गंभीर रोग से ग्रस्त हैं ! इन बीमारियों में इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च होता है ! इसलिए इसकी प्रीमियम राशि अधिक मूल्य की होती है !
5. दुर्घटना बीमा इंश्योरेंस-
दुर्घटना होने की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करती है ! ऐसी पॉलिसी की प्रीमियम राशि बीमा धारक की इच्छा पर निर्धारित होती है कि वह कितना कवर इसके लिए लेना चाहता है!
बीमा पॉलिसी लेते समय विशेष ध्यान रखने योग्य बातें -
1. पॉलिसी लेने से पहले हेल्थ चेकअप जरूर करवाइए-
जब कभी भी कोई भी व्यक्ति अपने लिए अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहता है ! तो उसे अपना मेडिकल चेकअप जरूर करवाना चाहिए ! जिससे कि उसे क्लेम लेते समय ,अतिरिक्त परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े ! और इस मेडिकल चेकअप से अन्य फायदे भी आपको पॉलिसी के नियमों के अंतर्गत मिलेंगे !
2. सही जानकारी बताएं ताकि क्लेम रद्द ना हो-
ऐसी बीमा पॉलिसी लेते समय ,आप अपने पॉलिसी में दीये जाने वाले विवरण में सभी तथ्यों को सही सही प्रकार से बताएं, ताकि जब कभी भी आपको भविष्य में क्लेम करना हो तो- आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े ! क्योंकि किसी बीमारी है या किसी बात के बारे में आप छुपाते हैं ! और उसके बारे में बाद में पता चलता है ! तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी से क्लेम लेने में परेशानी आ सकती है ! जैसे अक्सर बीमा लेते समय तंबाकू के सेवन के बारे में पूछा जाता है ! और साथ ही यह भी डिस्क्लोज करना होता है कि पहले से किसी प्रकारों का रोग तो नहीं है! इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए-
3. पॉलिसी के नियम व शर्तों को भली प्रकार से पढ़ें-
जब भी कोई पॉलिसी ले तो, ऐसी पॉलिसी के बारे में सभी नियम व शर्तें ठीक प्रकार से पढ़ ले,और जान ले कि उनका पॉलिसी पर क्या प्रभाव रहेगा,क्योंकि क्लेम लेते समय - कोई ऐसी शर्त या नियम इसकी आपको जानकारी नहीं रही हो! और ऐसा नियम पॉलिसी क्लेम में बाधा उत्पन्न कर सकता है ! और ऐसी पॉलिसी में किस प्रकार के स्वास्थ्य विषयों को सम्मिलित किया गया है !और किस स्वास्थ्य विषयों को सम्मिलित नहीं किया गया है ! यह पहले से ही जान लेना बेहतर होता है !
4.वेटिंग पीरियड की जानकारी रखें -
हमेशा ऐसी पॉलिसी लेने से पहले आपको वेटिंग पीरियड पर जरूर ध्यान देना चाहिए ! क्योंकि यह बहुत ही आवश्यक है ! सभी ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी का एक निर्धारित वेटिंग पीरियड होता है ! जिसमें पॉलिसी का लाभ एक निश्चित अवधि के बाद मिलता है ! इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं-जैसे कि किसी पॉलिसी का 90 दिन का वेटिंग पीरियड है ! तो कोई यह पॉलिसी 25 जनवरी को खरीद रहा है ! तो उसे 25 जनवरी से 90 दिनों की अवधि के बाद ही पॉलिसी का लाभ लेने के लिए क्लेम करना होगा !
अगर कोई बीमा धारक अस्पताल में एडमिट होता है ! तो बीमा कंपनी आपके कमरे की किराए की लागत को कवर करेगी,तो ऐसे में किसी भी प्रकार की लिमिट और सब लिमिट वाले प्लान को बिल्कुल इग्नोर करें ! क्योंकि यह आप पहले से नहीं जान सकते, कि कौन से अस्पताल में कमरे का कितना किराया होगा ! और इलाज में लगने वाले समय में कमरे का अतिरिक्त किराया का खर्च बीमा धारक के बजट पर भारी पड़ सकता है !
6.जिस पॉलिसी में कैशलेश अस्पतालों का नेटवर्क ज्यादा हो वह चुने-
ऐसी बीमा पॉलिसी का चुनाव करें जिसमें बहुत ज्यादा अस्पतालों से पॉलिसी का कॉन्ट्रैक्ट हो और उन अस्पतालों की लिस्ट अपने पास रखें जो कि कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं कैशलेस अस्पतालों का विशाल नेटवर्क की जानकारी होने पर आपकी स्वास्थ्य बीमा के पूर्ण लाभ आपको मिल सकेंगे
A. सबसे पहले आप बीमा प्लान की रकम के बारे में जाने !
B.आप अपनी पॉलिसी के सभी वास्तविक लाभ की जानकारी प्राप्त करें ! - हमेशा आप सभी पॉलिसी के नियमों को पढ़ें, क्योंकि बहुत सारी बातें केवल दिखावे के लिए होती है !
C.क्लेम सेटेलमेंट का रिकॉर्ड देखें,कि किस बीमा कंपनी ने अपने क्लेम ज्यादा सेटेलमेंट किए हैं !
D. बीमा कंपनी के दावों की प्रक्रियाओं के बारे में जाने ! प्रीमियम की राशि ऐसी हो जो आपको अच्छी वैल्यू फॉर मनी उपलब्ध करवाएं !
स्वास्थ्य इंश्योरेंस के प्रति लोगों में प्रमुख भ्रामक जानकारियां-
हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं इसी प्रकार बहुत से लोगों के मन में हेल्थ इंश्योरेंस के विषय में भी भ्रामक जानकारियां होती हैं !
हेल्थ इंश्योरेंस के समय होने वाली महत्वपूर्ण गलतियां-
1. कम बीमा राशि का चयन !
2. पॉलिसी के नियमों को सही से नहीं पढ़ना!
3.अपनी योजना को अनुकूलित नहीं करना!
4. जीवन में देर से हेल्थ इंश्योरेंस शुरू करना!
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के वक्त दावा कैसे किया जाता है-
सभी इंश्योरेंस कंपनियों की दावो को निपटाने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है! परंतु मुख्य रूप से दो प्रकार के दावे होते हैं !
एक होते हैं परिपूर्ति और -दूसरे होते हैं कैशलेस दावे,
1.परिपूर्ति दावो की प्रक्रिया-
-इस दावे में अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर अपनी बीमा कंपनी को सूचित कर देना चाहिए !
-अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 30 दिवस के अंतर्गत दावे से संबंधित सभी कागजात जमा किए जाए !
-आपके द्वारा प्रस्तुत सभी कागजातों को पॉलिसी के साथ मिलान करने की कार्रवाई की जाएगी ! और इन्हे जांचा परखा जाएगा , आपके सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर 30 दिनों के अंतर्गत बीमा कंपनी निश्चित समय के अनुसार भुगतान करेगी !
इसमें आप अपने दावे क्लेम के लिए
-मरीज को बीमा कंपनी के किसी भी नेटवर्क अस्पताल में ले जाएं !
-अपनी बीमा प्रदाता कंपनी को फोन करके सूचित करें ! और अपना दावा दर्ज कराएं ,उनका सेवा भागीदार व्यक्ति आपके दावे की प्रक्रिया में आपका सहयोग करेगा !
-इनसे पूर्ण - प्राधिकरण फॉर्म की जानकारी प्राप्त करें !
- उक्त और आवश्यक फार्म को भरें, और हस्ताक्षर करके अस्पताल के निश्चित काउंटर पर जमा करें !
आपके साथ कंपनी का सेवा भागीदार व्यक्ति ,बीमा पॉलिसी डॉक्यूमेंट के साथ आवश्यक उपचार का मिलान करेगा ! सभी कार्यवाही के तथ्यों के सही होने पर इलाज आगे बढ़ेगा ! परंतु इसमें आवश्यक है -कि यह अनुमोदन इलाज के समय तुरंत या 15 दिवस के भीतर किया जाए !
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी स्वास्थ्य बीमा के विषय में-
1. बीमा में उम्र के बढ़ने के साथ प्रीमियम की राशि भी बढ़ती चली जाती है !और ऐसे में आपने पहले से अगर कोई पॉलिसी ले रखी है ! तो आप टॉप अप प्लान के साथ इसकी प्रीमियम राशि को बढ़ा सकते है !
2. बीमा पॉलिसी में हॉस्पिटल टाई-अप-सेवा की जांच करें ,जो कि आपको बीमा प्रदाता कंपनी दे रही है !
3. वरिष्ठ नागरिकों को यह हमेशा अपनी पॉलिसी में देखना चाहिए -कि क्या उनकी पॉलिसी में घुटनों के रिप्लेसमेंट व मोतियाबिंद जैसी ऑपरेशन और उपचार शामिल किए गए हैं !
4. विभिन्न प्रकार की पुराने वह मौजूदा रोगों या बीमारियों के बताए गई प्रतीक्षा समयावधि की जानकारी ले!
दोस्तों इस लेख में इंश्योरेंस से संबंधित बहुत सी बातों के बारे में आपने पढ़ा ,और आशा करता हूं ! कि आपको हेल्थ इंश्योरेंस के संबंध में यह जानकारी अच्छी लगी होगी ! तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर अपने विचार साझा करें !
हेल्थ इंश्योरेंस के महत्वपूर्ण लाभ - यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में आज के कुछ शहरी लोग ही जानते हैं दोस्तों जीवन में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है और ऐसे ही अनिश्चितता मेसे स्वास्थ्य भी है ! क्योंकि आज दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है ! जिसके कारण आज मध्यमवर्ग इलाज के खर्चे को वहन नहीं कर पाता ,भविष्य में स्वास्थ्य की चिंता से छुटकारा प्राप्त करने ,और बेहतर इलाज के लिए आज हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की आवश्यकता बहुत अधिक बढ़ गई है ! तो आज इसी बारे में जानेंगे ,
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टर्म इंश्योरेंस प्लान में कब क्लेम मिलता है और कब नहीं?
हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे-बेनिफिट ऑफ हेल्थ इंश्योरेंस आज विश्व में गंभीर बीमारियों के मामलों में वृद्धि आई है !और साथ ही गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च भी बहुत महंगा हो गया है ! इसलिए आज प्रत्येक मध्यमवर्ग को हेल्थ इंश्योरेंस लेना आवश्यक हो जाता है! इस प्रकार के बीमा में आपको एक निश्चित समय अवधि पर एक निश्चित प्रीमियम की राशि देनी होती है ! इस प्रकार यह इंश्योरेंस बीमा धारक व्यक्ति या व्यक्तियों को मेडिकल इमरजेंसी या गंभीर बीमारियों के दौरान आर्थिक रूप से और मानसिक रूप से कमजोर नहीं होने देती ! जिससे कि परिवार जन भी पैसों की चिंता के कारण तनावग्रस्त नहीं होते ! क्योंकि बीमा धारक का इलाज अच्छी प्रकार से अच्छी देखरेख में होता है ! और इलाज में लगने वाले खर्च की चिंता नहीं रहती !
1.इसमें बिना भुगतान किए उपचार की व्यवस्था होती है!-
जिसनेअपना हेल्थ इंश्योरेंस करवाया है ! तो उसे उपचार के समय पैसों के बारे में टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं होती ! क्योंकि ऐसी बीमा कंपनियों का बहुत सारे अच्छे अस्पतालों के साथ कांटेक्ट होता है ! जिससे कि सीधे ही रोगी को कैशलैस ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध होती है ! इसमें सिर्फ अस्पताल को अपने इंश्योरेंस की जानकारी देनी होती है ! और मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है !
2.अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च का कवरेज - हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती के जाने से पहले, और इलाज के दौरान, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 60 दिन तक के समय की अवधि के खर्च को कवर में शामिल किया जाता है ! लेकिन इसके लिए सभी पॉलिसी नियम आप पहले ही जान ले !
15 Main Term Insurance Plans Tips and Important Information
3.मरीज को अस्पताल पहुंचाने का खर्च,इसमें सभी बीमा धारक जो मरीज होता है- उसे घर से अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस का जो भी किराए होता है, उसे भी बीमा में कवर किया जाता है !
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4. निशुल्क फ्री मेडिकल चेकअप,
ऐसी बीमा में स्वास्थ्य जांच का भी ऑप्शन होता है ! जिसके अंतर्गत पिछले एन.सी.बी. रिकॉर्ड को आधार मानते हुए,आपके स्वास्थ्य की निशुल्क मेडिकल जांच व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है!ऐसी व्यवस्थाओं का लाभ उठाते हुए आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं ! क्योंकि जाँच समय पर हो जाती है !
5. एन.सी.बी. का लाभ -इस प्रकार की बीमा में नो क्लेम बोनस का लाभ भी मरीज को मिलता है ! उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझते हैं , कि जिस किसी भी बीमा धारक ने अपनी इस पॉलिसी का पहले कभी लाभ नहीं लिया है! उन्हें बोनस प्वाइंट का लाभ मिलता है !और कुछ एक अतिरिक्त निश्चित सुविधाएं उन्हें मिलती है !
6. अनचाहे चिकित्सा खर्चों से सुरक्षा- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होने से जब कभी कोई बीमाधारक गंभीर रूप से बीमार होते हैं , तो उनके स्वास्थ्य पर होने वाले आक्समिक खर्चों से ,उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता ! क्योंकि बीमा कंपनी इलाज का खर्च क्लेम करती है ! अक्सर देखा गया है - की गंभीर बीमारी में लगने वाले खर्च के कारण आर्थिक स्थितियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है !
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कोरोना वायरस के समय लोक डाउन में एक पत्नी ने क्यों खा लिया जहर
7.छोटी प्रीमियम राशि में चिंताओं से मुक्ति-हम जब कभी सरकारी अस्पतालों में जाते हैं, बीमार लोगों की भीड़ हमें दिखाई देती है !और जब कभी हम किसी की बिमार को देखते हैं, जो गंभीर रूप से बीमार हुआ है ! उसके परिवार वाले कितने परेशान हैं, उसकी आर्थिक स्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ता होगा ! उसका इलाज किसी अच्छे अस्पताल में होगा या नही ,तो उनके(मरिज)मन में अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंता होने लगती है ! ऐसी चिंताओं से मन में तरह-तरह की ख्याल आते हैं ! हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक छोटी प्रीमियम की राशि देकर इस प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिलती है!
8.युवा लोगों को लाभ जल्द -पॉलिसी लेने पर बेनिफिट-
इस प्रकार की पॉलिसी में युवा लोग जितनी जल्दी पॉलिसी लेते हैं !उन्हें कम प्रीमियम में अधिक लाभ मिलता है !और पॉलिसी के अन्य बेनिफिट भी उन्हें अधिक मिलते हैं!और आने वाले समय में भी उन्हें बहुत ज्यादा प्रीमियम का भुगतान नहीं करना पड़ता!
4 Tips इंश्योरेंस पॉलिसी वाले ये सावधानी जरूर बरतें
9.आयकर नियमों के अनुसार टैक्स में भी छूट का लाभ मिलता है -हेल्थ इंश्योरेंस के लिए जो निश्चित राशि प्रीमियम के रूप में दी जाती है! उस राशि पर इनकम टैक्स भुगतान अधिनियम के अंतर्गत - सेक्शन 80(D) के अंतर्गत टैक्स में छूट प्राप्त होती है जिसके विषय में आप संबंधित बीमा कंपनी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
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हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार -
1.पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा इस प्रकार की पॉलिसी में एक व्यक्ति जो-जिसका स्वास्थ्य बीमा करवाया गया है! उसकी बीमारी के इलाज पर खर्च होने वाली एक निश्चित राशि तक का खर्च बीमा कंपनी बहन करती है ! इस प्रीमियम की राशि उम्र के आधार पर ,अन्य कुछ नियमों के आधार पर निर्धारित होती है! जो पॉलिसी के अंदर दिए गए होते हैं !
आश्चर्यचकित करने वाली ऑपरेशन सर्जरी-सब हैरान रह गए थे.
2. फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस योजना-इस योजना के प्लान में परिवार के निर्धारित सभी सदस्यों का बीमा कवर शामिल होता है ! और बीमारी के समय बीमा धारक परिवार के सदस्य इलाज मैं इसका लाभ ले सकते हैं ! इसके प्रीमियम राशि इसके तहत नियमों के आधार पर निर्धारित होती है! इसका संदाय कोई भी परिवार का एक सदस्य करता है !
3.सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस-
प्लान के अंतर्गत ऐसे लोगों को बीमा कवर देने की सुविधा होती है ! जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक हो! यह बुढे और उम्रदराज वर्ग के लोगों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए सुविधा सुनिश्चित करती है !
4.सर्जरी और गंभीर प्रकार के रोगों के लिए बीमा-
इस बीमा प्लान में उन लोगों के लिए सुविधा उपलब्ध होती है! जो कैंसर ,हार्ट अटैक, किडनी फैलियर, पैरालाइसिस ,अन्य ऐसे गंभीर रोग से ग्रस्त हैं ! इन बीमारियों में इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च होता है ! इसलिए इसकी प्रीमियम राशि अधिक मूल्य की होती है !
5. दुर्घटना बीमा इंश्योरेंस-
दुर्घटना होने की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करती है ! ऐसी पॉलिसी की प्रीमियम राशि बीमा धारक की इच्छा पर निर्धारित होती है कि वह कितना कवर इसके लिए लेना चाहता है!
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बीमा पॉलिसी लेते समय विशेष ध्यान रखने योग्य बातें -
1. पॉलिसी लेने से पहले हेल्थ चेकअप जरूर करवाइए-
जब कभी भी कोई भी व्यक्ति अपने लिए अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहता है ! तो उसे अपना मेडिकल चेकअप जरूर करवाना चाहिए ! जिससे कि उसे क्लेम लेते समय ,अतिरिक्त परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े ! और इस मेडिकल चेकअप से अन्य फायदे भी आपको पॉलिसी के नियमों के अंतर्गत मिलेंगे !
2. सही जानकारी बताएं ताकि क्लेम रद्द ना हो-
ऐसी बीमा पॉलिसी लेते समय ,आप अपने पॉलिसी में दीये जाने वाले विवरण में सभी तथ्यों को सही सही प्रकार से बताएं, ताकि जब कभी भी आपको भविष्य में क्लेम करना हो तो- आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े ! क्योंकि किसी बीमारी है या किसी बात के बारे में आप छुपाते हैं ! और उसके बारे में बाद में पता चलता है ! तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी से क्लेम लेने में परेशानी आ सकती है ! जैसे अक्सर बीमा लेते समय तंबाकू के सेवन के बारे में पूछा जाता है ! और साथ ही यह भी डिस्क्लोज करना होता है कि पहले से किसी प्रकारों का रोग तो नहीं है! इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए-
3. पॉलिसी के नियम व शर्तों को भली प्रकार से पढ़ें-
जब भी कोई पॉलिसी ले तो, ऐसी पॉलिसी के बारे में सभी नियम व शर्तें ठीक प्रकार से पढ़ ले,और जान ले कि उनका पॉलिसी पर क्या प्रभाव रहेगा,क्योंकि क्लेम लेते समय - कोई ऐसी शर्त या नियम इसकी आपको जानकारी नहीं रही हो! और ऐसा नियम पॉलिसी क्लेम में बाधा उत्पन्न कर सकता है ! और ऐसी पॉलिसी में किस प्रकार के स्वास्थ्य विषयों को सम्मिलित किया गया है !और किस स्वास्थ्य विषयों को सम्मिलित नहीं किया गया है ! यह पहले से ही जान लेना बेहतर होता है !
मां के इलाज के लिए पैसे नहीं जुटा पाया,तो बेटे ने ये क्या कर डाला!
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4.वेटिंग पीरियड की जानकारी रखें -
हमेशा ऐसी पॉलिसी लेने से पहले आपको वेटिंग पीरियड पर जरूर ध्यान देना चाहिए ! क्योंकि यह बहुत ही आवश्यक है ! सभी ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी का एक निर्धारित वेटिंग पीरियड होता है ! जिसमें पॉलिसी का लाभ एक निश्चित अवधि के बाद मिलता है ! इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं-जैसे कि किसी पॉलिसी का 90 दिन का वेटिंग पीरियड है ! तो कोई यह पॉलिसी 25 जनवरी को खरीद रहा है ! तो उसे 25 जनवरी से 90 दिनों की अवधि के बाद ही पॉलिसी का लाभ लेने के लिए क्लेम करना होगा !
हमेशा शादी के लिए लड़की की उम्र कम क्यों होनी चाहिए-जान लीजिए इस बारे में!
5. अस्पताल के कमरे के किराए के प्रावधान के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें-अगर कोई बीमा धारक अस्पताल में एडमिट होता है ! तो बीमा कंपनी आपके कमरे की किराए की लागत को कवर करेगी,तो ऐसे में किसी भी प्रकार की लिमिट और सब लिमिट वाले प्लान को बिल्कुल इग्नोर करें ! क्योंकि यह आप पहले से नहीं जान सकते, कि कौन से अस्पताल में कमरे का कितना किराया होगा ! और इलाज में लगने वाले समय में कमरे का अतिरिक्त किराया का खर्च बीमा धारक के बजट पर भारी पड़ सकता है !
6.जिस पॉलिसी में कैशलेश अस्पतालों का नेटवर्क ज्यादा हो वह चुने-
ऐसी बीमा पॉलिसी का चुनाव करें जिसमें बहुत ज्यादा अस्पतालों से पॉलिसी का कॉन्ट्रैक्ट हो और उन अस्पतालों की लिस्ट अपने पास रखें जो कि कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं कैशलेस अस्पतालों का विशाल नेटवर्क की जानकारी होने पर आपकी स्वास्थ्य बीमा के पूर्ण लाभ आपको मिल सकेंगे
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टर्म इंश्योरेंस सबसे बेहतर और अच्छा क्यों है-जानिए इसकी कुछ खास बातें !
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की तुलना कैसे करेंA. सबसे पहले आप बीमा प्लान की रकम के बारे में जाने !
B.आप अपनी पॉलिसी के सभी वास्तविक लाभ की जानकारी प्राप्त करें ! - हमेशा आप सभी पॉलिसी के नियमों को पढ़ें, क्योंकि बहुत सारी बातें केवल दिखावे के लिए होती है !
C.क्लेम सेटेलमेंट का रिकॉर्ड देखें,कि किस बीमा कंपनी ने अपने क्लेम ज्यादा सेटेलमेंट किए हैं !
D. बीमा कंपनी के दावों की प्रक्रियाओं के बारे में जाने ! प्रीमियम की राशि ऐसी हो जो आपको अच्छी वैल्यू फॉर मनी उपलब्ध करवाएं !
स्वास्थ्य इंश्योरेंस के प्रति लोगों में प्रमुख भ्रामक जानकारियां-
हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं इसी प्रकार बहुत से लोगों के मन में हेल्थ इंश्योरेंस के विषय में भी भ्रामक जानकारियां होती हैं !
- हेल्थ इंश्योरेंस बीमार व्यक्तियों के लिए होता है !
- हेल्थ इंश्योरेंस वृद्ध लोगों के लिए है !
- हेल्थ इंश्योरेंस कर लाभ के लिए लोग लेते हैं !
- हेल्थ इंश्योरेंस की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है !
- . हेल्थ इंश्योरेंस की बचत होने पर आवश्यकता नहीं होती है !
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हेल्थ इंश्योरेंस के समय होने वाली महत्वपूर्ण गलतियां-
1. कम बीमा राशि का चयन !
2. पॉलिसी के नियमों को सही से नहीं पढ़ना!
3.अपनी योजना को अनुकूलित नहीं करना!
4. जीवन में देर से हेल्थ इंश्योरेंस शुरू करना!
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के वक्त दावा कैसे किया जाता है-
सभी इंश्योरेंस कंपनियों की दावो को निपटाने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है! परंतु मुख्य रूप से दो प्रकार के दावे होते हैं !
एक होते हैं परिपूर्ति और -दूसरे होते हैं कैशलेस दावे,
1.परिपूर्ति दावो की प्रक्रिया-
-इस दावे में अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर अपनी बीमा कंपनी को सूचित कर देना चाहिए !
-अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 30 दिवस के अंतर्गत दावे से संबंधित सभी कागजात जमा किए जाए !
-आपके द्वारा प्रस्तुत सभी कागजातों को पॉलिसी के साथ मिलान करने की कार्रवाई की जाएगी ! और इन्हे जांचा परखा जाएगा , आपके सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर 30 दिनों के अंतर्गत बीमा कंपनी निश्चित समय के अनुसार भुगतान करेगी !
4 Tips इंश्योरेंस पॉलिसी वाले ये सावधानी जरूर बरतें
2.कैशलेस प्रक्रिया -इसमें आप अपने दावे क्लेम के लिए
-मरीज को बीमा कंपनी के किसी भी नेटवर्क अस्पताल में ले जाएं !
-अपनी बीमा प्रदाता कंपनी को फोन करके सूचित करें ! और अपना दावा दर्ज कराएं ,उनका सेवा भागीदार व्यक्ति आपके दावे की प्रक्रिया में आपका सहयोग करेगा !
-इनसे पूर्ण - प्राधिकरण फॉर्म की जानकारी प्राप्त करें !
- उक्त और आवश्यक फार्म को भरें, और हस्ताक्षर करके अस्पताल के निश्चित काउंटर पर जमा करें !
आपके साथ कंपनी का सेवा भागीदार व्यक्ति ,बीमा पॉलिसी डॉक्यूमेंट के साथ आवश्यक उपचार का मिलान करेगा ! सभी कार्यवाही के तथ्यों के सही होने पर इलाज आगे बढ़ेगा ! परंतु इसमें आवश्यक है -कि यह अनुमोदन इलाज के समय तुरंत या 15 दिवस के भीतर किया जाए !
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-वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी स्वास्थ्य बीमा के विषय में-
1. बीमा में उम्र के बढ़ने के साथ प्रीमियम की राशि भी बढ़ती चली जाती है !और ऐसे में आपने पहले से अगर कोई पॉलिसी ले रखी है ! तो आप टॉप अप प्लान के साथ इसकी प्रीमियम राशि को बढ़ा सकते है !
2. बीमा पॉलिसी में हॉस्पिटल टाई-अप-सेवा की जांच करें ,जो कि आपको बीमा प्रदाता कंपनी दे रही है !
3. वरिष्ठ नागरिकों को यह हमेशा अपनी पॉलिसी में देखना चाहिए -कि क्या उनकी पॉलिसी में घुटनों के रिप्लेसमेंट व मोतियाबिंद जैसी ऑपरेशन और उपचार शामिल किए गए हैं !
4. विभिन्न प्रकार की पुराने वह मौजूदा रोगों या बीमारियों के बताए गई प्रतीक्षा समयावधि की जानकारी ले!
दोस्तों इस लेख में इंश्योरेंस से संबंधित बहुत सी बातों के बारे में आपने पढ़ा ,और आशा करता हूं ! कि आपको हेल्थ इंश्योरेंस के संबंध में यह जानकारी अच्छी लगी होगी ! तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर अपने विचार साझा करें !
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