फेस रिकॉग्निशन तकनीक -दंगा करने वालों की अब पहचान होगी आसान !
Face recognition technology in india hindi
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया को बदल रहा है !और ऐसी ही तकनीक का नाम है!
फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है
फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी क्या है
फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी की जानकारी
जिससे कि अब प्रदर्शनकारियों की पहचान हो सकेगी! अब भीड़ का हर चेहरा पहचान लिया जायेगा.!
अब कोई भी प्रदर्शनकारी कहीं पर भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा तो, हिंसक गतिविधियों में भीड़ का गुमनाम हिस्सा नहीं बन सकेगा !
क्योंकि हिंसक प्रदर्शनों से लोग संपत्ति को और मासूम और बेगुनाह लोगों को क्षति पहुचाते है !
फेस रिकॉग्निशन यूज़
जेसे आजकल देश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है!
लेकिन प्रदर्शनकारी -पुलिस द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली -इस तकनीक से चिंता में है !
क्योंकि वह जानते हैं ,कि उन्हें पहचान लिया जाएगा! आज जहां पर भी देश में विरोध प्रदर्शन लोग कर रहे हैं! उनमें से कुछ लोग जानते ही नहीं ,कि उनका चेहरा और उनकी पहचान कर ली गई है! अब वह भीड़ का रूप नहीं ले सकते !
मरते वक्त भाभी ने कहा- तुम्हारी भाई के साथ धोखा करके हमने अच्छा नहीं किया!
इस विषय में सरकार ने भी खुले तौर पर नहीं कहा है, कि वह इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं !
देश में फेस रिकॉग्निशन तकनीक का उपयोग कब से शुरु हो चुका है!
- सूत्रों के अनुसार यह कहा जा रहा है!- कि पिछले वर्ष पहली बार फेशियल रिकॉग्नाइजेशन का उपयोग प्रधानमंत्री की रैली में हो चुका है! तब सुरक्षा एजेंसियों ने इस विषय में कहा! कि कानून व्यवस्था के लिए यह आवश्यक है !अब तक जो डाटा पुलिस ने स्कैनिंग किया है! उनका मिलान किया जाएगा !
इससे पहले पुलिस वर्ष 2018 में गुमशुदा बच्चों को बचाने में इसका उपयोग कर चुकी है! अभी कुछ समय पहले -पुलिस के महानिदेशक से सेवानिवृत्त होने वाले बडे अधिकारी कहते हैं ! कि इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों में जिन लोगों ने हिंसा की है! उन चेहरो से लोगों को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया गया है ! फिर उनमें से गंभीर हिंसा जिन्होंने कारित की है! उनको फेस रिकॉग्निशन तकनीक से पहचान लिया गया है !और उनकी गिरफ्तारी की गई है !
सरकार इस प्रकार के डेटाबेस तैयार करने की पूरी तैयारी कर चुकी है ! अब जल्द ही नेशनल फेशियल रिकॉग्नाइजेशन तकनीक के माध्यम से ,बजारो के सीसीटीवी फुटेज से मिली तस्वीरों और वीडियोस का डेटाबेस से मिलान होगा! और हिंसक प्रदर्शनकारी बच नहीं पाएंगे!
चाइना पर शक करने के महत्वपूर्ण कारण COVID -19 के विषय में।
पुलिस को चेहरा पहचानने वाली, इस तकनीक को सप्लाई करने वाली कंपनी के बड़े अधिकारी का यह मानना है ! कि जब कोई हिंसा करते हुए पुलिस पर हमला करता है !पत्थर मारता है !तो क्या उसे उसकी पहचान प्राप्त करने का अधिकार नहीं होना चाहिए !
अब तक इस तकनीक को सप्लाई करने वाली कंपनियां आधिकारिक तौर पर यही कहती है! कि अत्यधिक आबादी वाले इस देश में इस प्रकार कि पहचान नहीं हो सकती ,यानी निगरानी की संभावना से वह इंकार करती है ।
एक स्टार्टअप कंपनी जो अपनी फेशियल रिकॉग्नाइजेशन,फेस सिक्योरिटी डेटाबेस कि यह तकनीक कई राज्यों की पुलिस को प्रोवाइड करती है !
अमेरिकी राष्ट्रपति "डॉनल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन" पर इतना विश्वास जताने का
देश में अब कोई भी पुलिस पर पत्थर मारकर और सार्वजनिक संपत्ति को जलाकर भीड़ का हिस्सा नहीं बन पाएगा ।फेस रिकॉग्निशन तकनीक हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ मजबूत करेगी ,और पुलिस पर भी हमला करने करने पहले अब सौ बार सोचेगे ।
देशद्रोही ताकतों की पहचान हो सकेगी ।
संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान जल्दी हो सकेगी ।
कोर्ट में अपराध साबित करने में साक्ष्य के रूप में अहम भूमिका होगी ।
सुरक्षा प्रणाली मे सुधार संभव होगा ।
यह लेख इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है ! हम इस लेख के माध्यम से इस प्रकार की जानकारी की सत्यता का प्रमाण प्रस्तुत नहीं करते है ।अतः इसे आप एक मनोरंजन जानकारी के तौर पर ही पढे ।
Comments
Post a Comment