ई सिगरेट क्या होता है! ई सिगरेट उपयोग कैसे करते हैं! ई सिगरेट के नुकसान के बारे में जानकारी-
Wha is an e-cigarette! How to use e cigarette!e-cigarette-ki-jankari
क्या इलेक्ट्रॉनिक ई-सिगरेट से कैंसर का खतरा होता है |
ई-सिगरेट स्मोक करने से हो सकता है !
ब्लैडर कैंसर क्योंकि यह बहुत खतरनाक है!
डॉक्टरों की एक रिसर्च में ई-सिगरेट या ऐसे अन्य
तंबाकू की प्रोडक्ट का उपयोग करने वाले,
उपयोगकर्ता व्यक्तियों के यूरिन/पेशाब में ब्लैडर कैंसर से
जुड़े तत्व प्राप्त हुए हैं ।
यूरोपियन यूरोलॉजी
ऑन्कोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित किए गए
समीक्षा अनुसंधान में 22 प्रकार के अलग-अलग
रिसर्च के परिणामों का गहन मूल्यांकन
किया गया था। इसमें मुख्य रूप से ई-सिगरेट या तंबाकू उत्पादों का नशा करने वाले व्यक्तियों
के यूरिन का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया।
मोटे व्यक्तियों का मोटापा-कैंसर का कारण बन सकता है?
फटे होठों की समस्या हो तो ये उपाय आजमाएं !
रिसर्चके सहलेखक मार्क बुर्जलिन केअनुसार धूम्रपान को यूरिन के ब्लैडर
कैंसर की महत्वपूर्ण कारण माना गया।
ई-सिगरेट का सबसे अधिक नुकसानदायक प्रभाव
फेफड़े पर और उनकी क्षमता पर पड़ता है। इस रिसर्च में विशेषज्ञों
ने उन तत्वों के खतरों का विस्तार से विश्लेषण
किया, जो यूरिन के ब्लैडर कैंसर के
करण बन सकते हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सिगरेट का इलेक्ट्रॉनिक रूप होती है, ई सिगरेट और वाष्पीकृत सिगरेट - बैटरी से चलने वाला उपकरण है जो कि निकोटीन और गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत हो सकने वाले घोल की सांसो के साथ सेवन होने वाली खुराक प्रदान करता या देता है। इस प्रकार यह सिगरेट व सिगार और पाइप जैसे धुम्रपान नशे वाले तम्बाकू प्रोडक्ट का एक इलेक्ट्रॉनिक विकल्प है।8 most Reason -ऐसे कारण व वस्तुऐ जिनसे कैंसर हो सकता है !
नए प्रकार के नशे का साधन होने के कारण युवा वर्ग इसे स्टाइलिश और स्टेटस के मामले में इसे ज्यादा पसंद करता है ये निकोटीन का नशा देने के अतिरिक्त यह तम्बाकू के धुंएं के जैसा स्वाद और शारीरिक संवेदन भी उतना ही देता है !जबकि इस इस प्रकार से नशा करने में दरअसल
कोई धुंआ बिल्कुल नहीं होता है।
अभी-अभी राजस्थान की सरकार ने 31 मई, 2019 से
यानी विश्व तम्बाकू दिवस पर इस पर पूर्ण रूप से
रोक लगा दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट आकार में किसी हद तक लम्बी ट्यूब के जैसी होती है,और बाहर से ये आम सिगरेट के जैसी दिखाई देती है
अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपकरण पुनःउपयोग किए जाते हैं, जिनके भाग को बार-बार बदला और फिर से भरा जा सकता है। इस प्रकार के प्रोडक्ट के अंतर्गत अनेक डिस्पोजेबल इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को भी विकसित किये गये हैं।
2003 में एक चीनी फार्मासिस्ट होन लिक द्वारा इस इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का आविष्कार किया गया !
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