चाइना का भारत पर हमला इसलिए है.की ....

World war 3 "Lac india China war"

World war 3 "Lac india China war"
प्रतीकात्मक चित्र

पिछले कुछ समय से बॉर्डर पर भारत चाइना के बीच तनातनी चल रही है.यह घटनाएं आज के समय में किसी भी देश के लिए हितकर नहीं हो सकती. चीन अपने ताकत के नशे में पूरी दुनिया के सामने अपने आप को बिल्कुल पाक साफ बता रहा है. परंतु चीन के  सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स मैं भारत को  खुलेआम धमकियां दी जा रही है. चीन की सच्चाई दुनिया का हर देश जानता है।कुछ देश इसके खिलाफ मुखरता से आवाज उठाते हैं। लेकिन कुछ देश अपने फायदे के लिए इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. और कुछ देश ऐसे भी हैं जो भारत के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं.

चीनी योजनाबद्ध तरीके से भारत के खिलाफ कार्रवाई :-


यह घटना 16 जून 2020 की है. जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऊंचाई वाले इलाके में एक संकीर्ण पहाड़ी रास्ते पर चीनी सेना द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने की वजह से भारत और चीन की सेना
के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। चीन ने समझौते का उल्लंघन कर वह चौकी बनाई थी।


सूत्रों ने बताया कि शहीद कर्नल बी संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने गलवान नदी के दक्षिणी तट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र में चौकी बनाने पर कड़ी आपत्ति जताई और सोमवार शाम को उसे हटाने का प्रयास किया। इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई जो पिछले 5 दशक में सबसे बड़े सैन्य टकराव था।


 शिविर में मौजूद चीनी जवानों के एक छोटे समूह ने भारतीय गश्ती दल की आपत्तियों पर नाराजगी व्यक्त की लेकिन जल्द ही वे चीनी क्षेत्र में लौट गए। बाद में वे अधिक सैनिकों के साथ लौटे। और वे पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों जैसे घातक हथियारों से लैस होकर लौटे और भारतीय सैनिकों से भिड़ गए।

World war 3 "Lac india China war"
प्रतीकात्मक चित्र

घटना की जानकारी रखने वालों के अनुसार भारत की ओर से भी अतिरिक्त सैनिक पहुंच गए और वे अस्थायी ढांचे को हटाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने बताया कि चीनी सैनिकों ने भारतीयों जवानों पर बर्बरता से हमला किया और यह झड़प कई घंटों तक चली। इस दौरान सड़क का एक हिस्सा धंस गया और कुछ भारतीय और चीनी सैनिक गलवान नदी में गिर गए।

अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाके में हुई
इस झड़प में बाबू और 19 अन्य भारतीय जवान शहीद हो गए। भारतीय पक्ष ने भी दृढ़ता से जवाबी कार्रवाई की। लेकिन चीनी पक्ष के हताहतों की संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए
दावा किया कि मारे गए या गंभीर रूप से घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या 35 हो सकती है।

चायना दुनिया को दिखाना चाहता है अपनी ताकत:-


चाइना की महत्वकांक्षा बहुत अधिक बढ़ गई है। वह दुनिया में अपना एकछत्र राज चाहता है. वह अपनी ताकत पूरी दुनिया में दिखाना चाहता है.और इसके लिए सॉफ्ट टारगेट के रूप में उसने भारत को चुना है. भारत के खिलाफ कार्रवाई करके यह दिखाना चाहता है. कि वह कितना ताकतवर है. और किस हद तक जा सकता है. और भारत जैसे बड़े देश को बार-बार चुनौती देना इस बात को और अधिक मजबूत करता है.

अभी कुछ समय पहले चीन और अमेरिका में शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी है चाइना की कंपनी हुआवेई को पूरी तरीके से अमेरिका से बाहर कर दिया गया है. जिसका गुस्सा वह भारत पर उतारना चाहता है.

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की बैठक के समय देश को संबोधित करते हुए कहा है कि हमारे देश के सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और भारत अपने देश की संप्रभुता और मान सम्मान की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम है और अपने विरोधियों को ऐसी घटनाओं के लिए उचित जवाब देगा.

इसके लिए शुरुआत के रूप में भारत में बीएसएनएल और एमटीएनएल के 4G कि दूरसंचार सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले सभी चाइनीज प्रोडक्ट और मशीनों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

ऐसी घटनाएं उकसावे का प्रतीक है इन घटनाओं के चलते भारत और चाइना का युद्ध होता है.तो यह तीसरा विश्व युद्ध होगा और इस युद्ध में भारत से ज्यादा चाइना को नुकसान होगा.

चाइना का भारत पर हमला  इसलिए है.की ....चीन भारत को सबक सिखाना चाहता है.और दुनिया को संदेश देना चाहता है.

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