खुद को मानती रही औरत परंतु डॉक्टर से अपने बारे में अलग पहचान मिली तो जिंदगी ही बदल गई?
क्या हुआ जब पता चला कि.वह 30 साल की औरत-औरत ही नहीं है।
सभी मनुष्यों में शारीरिक बनावट के चलते हीमहिला और पुरुष में अंतर किया जाता है,
लेकिन बहुत बार जेनेटिक बदलाव को बाहरी
स्तर पर पकड़ना इतना भी आसान नहीं है। ऐसा ही एक वाकया हुवा है जिसमे एक शख्स पिछले.30 साल से महिला की तरह जिंदगी जी रहा था, लेकिन अब जब उसे हकीकत का पता चला तो मानो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
यह मामला पश्चिम बंगाल का है। जहां पर रहने वाली एक 30 वर्षीय औरत को टेस्टिकुलर कैंसर कि बीमारी हो गई थी। जिस के इलाज के लिए वह डॉक्टर के पास गई. तो उसे बीमारी के साथ अपनी एक हैरान करने वाली सच्चाई का का भी पता चला। वह पेट दर्द होने की शिकायत के बाद इलाज के लिए स्थानिय कैंसर हॉस्पिटल पहुंची।
यहां पर डॉ. दत्ता और
डॉ. दास द्वारा गहन चिकित्सकीय परीक्षण
करने दौरान इस महिला की 'असली पहचान' सामने
आई है। डॉ. दत्ता ने कहा कि यह शख्स देखने में पूरी
तरह से महिला की तरह है। यानी उसकी आवाज,हावभाव शरीर का विकास और अन्य सभी अंग महिलाओं के जैसे ही नजर आते हैं। हालांकि,उसके शरीर में जन्म से ही महिलाऔ के महत्वपुर्णआन्तरीक अंग गर्भाशय और अंडाशय नहीं है।
उसको अपने जीवन में कभी भी माहवारी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्लभ स्थिति है। और ऐसा रेयर तौर पर 22,000 लोगों में से एक में पाई जाती है। आश्चर्यजनक रूप से इस महिला की 28 वर्षीय बहन.की जांच होने पर भी यही स्थिति सामने आई है,
जिसमें कि व्यक्ति जेनेटिकली तो पुरुष होता है.
लेकिन उसके बोडी के सभी बाह्य अंग महिला के तरह विकसीत होते हैं। डॉ दत्ता ने और इस बारे में बताया है. कि उक्त महिला की कीमोथेरेपी की जा रही है. व उसकी हालत अभी स्थिर है। उन्होंने कहा कि वह एक महिला की तरह बड़ी हुई व वही पहचान पायी है.और अपने साथ शादीशुदा एक पुरुष के साथ लगभग एक दशक तक विवाहित जीवन भी जी चुकी है।
इस वक्त डॉक्टर इस मरीज व उसके पति की काउंसलिंग कर रहे हैं. और यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं.कि आगे के अपने जीवन भी वे उसी प्रकार जीवन जीऐं. जैसे अब तक जी रहे हैं। डॉक्टर ने इस सम्बध में यह कहा कि मरीज की दो अन्य रिश्तेदारों को भी अतीत में यही परेशानी रही है, इसलिए यह जीन जनित/ आंनुवांशिक समस्या मालुम पड़ती है।
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