ई-रुपया यानी सीबीडीसी क्या है! What is e-rupya-rbi-CBDC
What is e-rupya- RBI CBDC
E Rupya RBI CBDC ई रुपया या यूं कहें कि सीबीडीसी एक प्रकार से भारत की डिजिटल करेंसी का रूप है! जो कि आने वाले समय में रिजर्व बैंक और सरकार द्वारा जारी करने की संभावना है! पिछले काफी दिनों से देश में क्रिप्टोकरंसी के बारे में चर्चाएं चल रही है!क्योंकि आजकल बैंकिंग फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग, अकाउंट हैकिंग इत्यादि से जनता,सरकारों व बैंकिंग प्रणाली को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है! इसके साथ ही इससे करेंसी के विषय में लगने वाले अनावश्यक खर्च को भी बचाया जा सकता है, जैसे की मुद्रा की छपाई में और उसको मेंटेन करने में जो खर्च आता है, उसमें काफी कमी आएगी और साथ ही इससे ट्रांजैक्शन और अधिक सुरक्षित व तेजी से होंगे!
भारत की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरंसी के विषय में जानकारी!
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से सरकारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है !क्योंकि क्रिप्टोकरंसी एक ऐसा डिजिटल करेंसी का माध्यम है, जिसे कोई भी सरकार कंट्रोल नहीं कर सकती और ट्रैक नहीं कर सकती, इसलिए कई जगह विदेशों में आजकल की जो घटनाएं सुनने को मिलती है,वहां आतंकवादी समूह अपराधी प्रवृत्ति के लोग क्रिप्टो करेंसी या मूलतः बिटकॉइन की डिमांड करते हैं! क्योंकि यह उनके लिए सेफ होती है ,इसलिए भारत में भी इस विषय में काफी तरह की बातें चल रही है!
क्योंकि अब वह समय है,जब न चाहते हुए भी दुनिया के समक्ष हमें क्रिप्टो करेंसी के बारे में अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा! भले ही क्रिप्टोकरंसी में हमने जो कुछ भी समस्याएं देखी है, वह तो है ही लेकिन इन समस्याओं से हमारे करेंसी सिस्टम को नुकसान भी ना हो और हम भविष्य में इंटरनेट के माध्यम से होने वाले ट्रांजैक्शन को भी सुरक्षित कर सकें! इसके लिए सरकार और आरबीआई को कुछ न कुछ तो विशेष निर्णय लेने होंगे!ई रुपया और सीबीडीसी एक प्रकार का प्रयास है,जिस पर अभी प्रारंभिक चरण में बातें चल रही है,और इस पर विशेषज्ञ अपनी अपनी राय देंगे और इसके बारे में व्यवहारिक प्रक्रिया क्या होगी यह भी सब कुछ सुनिश्चित कर लेने के बाद अंतिम निर्णय सरकार और आरबीआई के द्वारा किया जाएगा,लेकिन जो भी किया जा रहा है वह एक अच्छा प्रयास है ,जिसे हमें सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए!
नोट:-उपरोक्त लेख मैं वर्णित विषय वस्तु को सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही देखें, क्योंकि इसमें अभी तक कोई भी प्रमाणित जानकारी हमारे पास उपलब्ध नहीं है ,और प्रस्तुत सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध तथ्यों से प्रेरित है, इसलिए सभी पाठकों से निवेदन है ,कि वे अपने विवेक से काम लें और सही ,सत्य, वैधानिक और प्रमाणित जानकारी को ही विश्वसनीय माने!
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