वरलक्ष्मी व्रत कब है Kab Hai Varalakshmi Vrat वरलक्ष्मी व्रत शुभ मुहूर्त पूजा समय कब है वरलक्ष्मी व्रत का महत्व,
VaraLakshmi vrat ka Shubh muhurt kab hai Varalakshmi vrat kab hai, Varalakshmi vrat ka kya mahatva hai
वरलक्ष्मी व्रत रक्षाबंधन से 1 दिन पूर्व शुक्रवार के दिन को रखा जाता है ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से माता महालक्ष्मी की कृपा होने पर घर की दरिद्रता व आर्थिक परेशानियां समाप्त होती है एवं अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है यह व्रत को रखने से परिवार में सुख व संपत्ति बनी रहती है! सच्चे मन और श्रद्धा से इस व्रत का पालन करने से माता महालक्ष्मी अपने भक्तों पर कृपा करती है, इस वर्ष वरलक्ष्मीजी का व्रत अगस्त की 20 तारीख को है!
व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त-
वरलक्ष्मी व्रत का पूजा समय!Varalakshmi Vrat Puja Timings
वरलक्ष्मी व्रतम् इस 20-8-2021शुक्रवार को
सिंह लग्न में पूजा शुभ मुहूर्त (प्रातःकाल) - 05:53 ए एम(AM) से लेकर 07:59 ए एम(AM)
इसमें अवधि - 2 घण्टे 06 मिनिट्स है
वृश्चिक लग्न में पूजा का मुहूर्त (अपराह्न) - 12:35 (PM) से 02:54 (PM)
इसमें अवधि - 02 घण्टे 19 मिनिट्स हैं,
कुम्भ लग्न में पूजा का शुभ मुहूर्त (सन्ध्या में) - 06:40 पी एम (PM)से 08:07 पी एम(PM)
इसमें अवधि - 1 घण्टा 27 मिनिट्स है,
वृषभ लग्न का शुभ पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि) मे - (PM) से 01:03 ए एम(AM), 21अगस्त
समयाअवधि - 1 घण्टा 56 मिनट्स--
वरलक्ष्मी माता के व्रत का महत्व क्या है
माता वरलक्ष्मीजी को साक्षात् महालक्ष्मी का अवतार माना जाता हैं. माता वरलक्ष्मीजी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ण करती हैं, इसलिए उनका नाम वर एवं लक्ष्मी शब्द से मिलकर वरलक्ष्मीजी पड़ा है. इस व्रत को रखने से मां की कृपा होती है, व धन संबंधी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं, एवम् घर मे धन व सुख समृद्धि आती है. जो भी श्रद्धा भाव से महालक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करना चाहता है, वह इस व्रत को रख सकता है, परंतु इस व्रत खासतौर से विवाहित स्त्रियों द्वारा रखा जाता हैं. ऐसी मान्यता है, कि ये व्रत करने से माताजी की कृपा से संतान सुख की भी प्राप्ति होती है.
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