अहमद मसूद का नया ऑडियो हुआ जारी, panjshir Taliban latest news


panjshir commander Ahmad Masood ka latest audio sandesh kya hai


अहमद मसूद ने अपने एक ऑडियो मैसेज में कहा है ,कि मैं अपने पंजशीर घाटी में हूं, मैं अपने घर में हूं, पंचशील घाटी के लोग पूरी तरह एकजुट हैं, वह किसी भी तानाशाह ताकत से अपनी सुरक्षा करना चाहते हैं, और लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, वे ऐसे किसी भी ताकत के विरुद्ध खड़े होंगे, जो अपनी सोच और विचारधारा दूसरे लोगों पर थोपना चाहते हैं, पंचशीर के लोग अफगानिस्तान के लोगों का बहुत छोटा सा हिस्सा है, भौगोलिक दृष्टिकोण से देखें तो यह अफगानिस्तान का सबसे छोटा प्रांत है,लेकिन हम अपने पूरे देश के लिए खड़े हैं!


तालिबान ने पंजशीर घाटी को चारों तरफ से घेर लिया है, और अपने कमांडर के ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं, वह कहते हैं कि हम पंचशीर घाटी पर एक दिन में ही कब्जा कर लेंगे, बस हमें हमारे हाईकमान के आर्डर का इंतजार है, लेकिन तालिबानियों के इतना कहने से ही पंचशीर कब्जा नहीं जमा सकते!


पंजशीर घाटी में अभी हर एक व्यक्ति अपने वजूद और लोकतंत्र के अस्तित्व को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है! अगर अहमद मसूद को तालिबान जल्द नहीं मना पाया तो यह जंग लंबी खिंच सकती है!

पंचशीर की घाटी इतनी दुर्गम है कि, इस को जीतने के लिए सोवियत संघ ने 9 बार हमला किया, लेकिन वह नाकामयाब रहे ,यह अलग बात है. कि उस समय अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद उस विद्रोह को लीड कर रहे थे.जो कि गोरिल्ला वार में बहुत ही एक्सपर्ट थे!


पंजशीर घाटी में फिलहाल अमरूला सालेह और अहमद मसूद अपने लोगों की सहायता से इस लड़ाई के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं ,उन्हें हर संभव अनहोनी की आशंका है, लेकिन उनके पास पर्याप्त मात्रा में असला मौजूद है, और वह इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नहीं है, तालिबान के लिए एक ही रास्ता है, कि वह किसी तरह अहमद मसूद को मना ले ,वरना तालिबान के लिए आने वाले समय में अहमद मसूद बड़ी चुनौती बन सकता है!


दुनिया के सभी लोगों को अहमद शाह मसूद और अहमद मसूद से यह तो सीखने का मौका मिला ही है,कि अगर चाहे तो एक आदमी अपनी सूझबूझ और भविष्य की दृष्टिकोण से लड़े तो किसी भी बड़े से बड़े दुश्मन को चुनौती दे सकता है!


फिलहाल इस जंग का जो भी निर्णय हो अहमद मसूद ने और अहमद शाह मसूद ने दुनिया में अपनी उपलब्धि अपनी बहादुरी को दर्ज करवा लिया है!


अफगानिस्तान में तालिबान और नॉर्दन एलायंस के बीच जंग का मंजर हमें हॉलीवुड मूवी 300 के बहादुरों की याद दिलाता है, जो स्पार्टा के लिए असंख्य की सेना से ऐसे ही भौगोलिक स्थिति में लड़ गए थे! और दुनिया की इतिहास में उन्हें आज भी याद किया जाता है! अहमद मसूद यह जंग भले जीते या ना जीते, लेकिन अगर वह तालिबान को लंबे समय तक चुनौती भी दे पाता है, तो यह भी बहुत बड़ी बात होगी!


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